Saturday, October 15, 2011

हिसार में अन्ना का तड़का

गलियाँ हरियाणा की हो और दाल में तडके की महक आये ये असंभव ही होगाहरियाणा की दाल और "लाल" पुरे भारत में प्रसिद्ध हैयहाँ की राजनीति हमेशा तीन "लाल" ध्रुव के बीच घुमती रही-देवीलाल,बंसीलाल और भजनलालइन्ही तीन "लाल" की राजनितिक दाल यहाँ गलती आयी हैवक्त बदला,फिजा बदली और राजनितिक समीकरण भी बदलेहिसार उप -चुनाव इसका जीता जगता उदाहरण बन गया और लग गया हरियाणा की राजनितिक दाल में "अन्ना का तड़का"। ये तड़का कांग्रेस को तीखा लगता दिखाई पड़ रहा हैकांग्रेस की हिचकिया विपक्षियो के दिल में खुशहाली पैदा कर रही हैदबी जुबान में कांग्रेस को जोर का झटका धीरे से लगा मालूम पड़ रहा हैमतपेटियो में जनमत बंद पड़ा है, चारो तरफ कयासों के तीर चल रहे हैजीत का ऊंट किस करवट बैठेगा ये तो समय बताएगा पर टीम अन्ना का कांग्रेस के खिलाफ अभियान उनकी नींद हराम करने में कामयाब हुई है

मुकाबला त्रिकोणीय है, भाजपा समर्थित हरियाणा जनहित कांग्रेस ने भजनलाल के मृत्यूपरांत खली सीट पर उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई को जनता के भावनात्मक अभिव्यज्नाओ को भुनाने के लिए उतरा है, वही आई एन एल डी ने देवीलाल के पोते और प्रकाश चौटाला के बेटे अजय चौटाला को मैदाने जंग में उतारा हैकांग्रेस भी कम नहीं थी , उसने हूडा के खासमखास रहे पूर्व सांसद जय प्रकाश को चुनावी समर में उतारापर सारे समीकरण धरे के धरे रह गए जब टीम अन्ना के कांग्रेस के खिलाफ अपना बिगुल फूँकाचुनावी गणित चरमराने लगी, अगर एक सुर्वे की बात मने तो २५% जनता इस अभियान से प्रभावित होकर वोटिंग कियाये तथ्य अगर सही है तो चौकाने वाला हैपर सिक्के का दूसरा पहलु यह भी है की कांग्रेस विरोधी वोट गए किस खेमे मेंअगर वोटों का ध्रुवीकरण एक तरफ होकर कांग्रेस के विरोधी दो मुख्य ध्रुवों में हो गया तो भी चुनावी समीकरण गड़बड़ा सकते है और कड़ी टक्कर की आशा की जा सकती हैयह लोकतंत्र के धरातल पर "टीम अन्ना" का लिटमस टेस्ट भी हैअगर "टीम अन्ना" भारी पड़ी तो आने वाले दिलो में राष्ट्र की राजनितिक परिदृश्य में कई बदलाव देखने को मिल सकते है

मौके पर छक्का मरने में रामदेव की सेना भी पीछे रही,उसने भी बाबा पर रामलीला मैदान में हुए अत्याचार को भुनाने में कोई कसार नहीं छोड़ीहिसार में कई जगह सभा कर,उसने भी कांग्रेस की नीव हिलाने में खून-पसीना लगा दिया

ये तो सतही बातें हुई,पर टीम अन्ना का अभियान अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ है तो निशाने पर सिर्फ कांग्रेस ही क्यों,बाकि की पार्टियाँ क्या दूध की धूलि हुई है? यह यक्ष प्रश्न है?अगर हिसार में तीन मुख्य उम्मीदवारों के संपत्ति के विवरण का अवलोकन करे तो एक नया ही कलेवर निकलता हैएसोसियशन ऑफ़ डेमोक्रटिक रिफोर्म्स के डाटा के अनुसार-कुलदीप बिश्नोई के पास ४८.८५ रुपये की चल-अचल सम्पति है ,वही इनके ठीक पीछे पीछे अजय चौटाला लगभग ४० करोड़ रुपये के चल -अचल सम्पति के साथ दुसरे पायदान पर हैवहीँ कांग्रेस के उम्मीदवार जय प्रकाश के पास लगभग .१६ करोड़ रुपये के चल-अचल संपत्ति के मालिक हैजनता के होनेवाले संभावित सेवक करोडपति हैयहाँ विचार करने योग्य बात ये है ,अगर "टीम अन्ना" भ्रष्टाचार के
खिलाफ खड़ी है, तो किसी पार्टी विशेष के बजाये सभी भ्रष्टाचारियो के खिलाफ आवाज़ क्यों नहीं उठा रही और "राईट टू रिकाँल " आप्शन के लिए आन्दोलन क्यों नहीं कर रही!

अगर मेरी राय माने तो , वोटिंग मशीन में उम्मीदवारों के सूचि के साथ "इनमे से कोई नहीं" विकल्प डालने का वक्त गया हैभारतवासी जागेंगे तो ये भी हमें जल्द दिखने को मिलेगा और "टीम अन्ना" को भी शायद राजनितिक दाल में तड़का लगाने के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी